Ahmed Aslam Ali Biography in Hindi | Ali Ahmed Aslam Biography, Age, Net Worth |chicken tikka masala inventor dies aged 77
अहमद असलम अली दुनिया के मशहूर शेफो में से एक माने जाते हैं। जिन लोगों को खाना बनाने का और उससे संबंधित जानकारी जानने का शौक होता है उन्हें अहमद असलम अली के द्वारा बनाई गई मशहूर डिश चिकन टिक्का मसाला के बारे में जरूर ही पता होगा।
आज ये डिश पूरी दुनिया में मशहूर है और इसका सेवन भारत देश में भी बड़े स्तर पर किया जाता है। चिकन टिक्का मसाला डिश भारत में आज बहुत पसंद की जाती है और केवल भारत में ही नहीं पाकिस्तान में भी इस डिश का खूब सेवन किया जाता है।
इस लेख में हम आपको अहमद असलम अली के जन्म, इनके द्वारा किस तरह चिकन टिक्का मसाला डिश बनाई गई और इसके पश्चात कैसे यह डिश नेशनल डिश बनी। इसके साथ-साथ इनकी मृत्यु से संबंधित जानकारी भी देगें।
Contents
अहमद असलम अली से संबंधित जानकारी (Ahmed Aslam Ali information)
नाम | अहमद असलम अली |
जन्म | 1 अप्रैल 1945 |
प्रोफैशन | मशहूर बावर्ची (शेफ), रेस्टोरेंट के मालिक |
व्यवाहिक स्थिति | शादीशुदा 5 बच्चे– तीन बेटे व दो बेटियाँ |
प्रसिद्धि | चिकन टिक्का मसाला डिश का आविष्कार |
मृत्यु | 19 दिसंबर 2022 |
अहमद असलम अली के जन्म (Ahmed Aslam Ali Birth)
अहमद असलम अली का जन्म 1 अप्रैल सन् 1945 में हुआ। असलम मूल रूप से ब्रिटिश भारत में (जो हिस्सा आज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है) जन्मे थे। कुछ समय के बाद 1958–59 के दौरान उनका परिवार उन्हें कम उम्र में ही ब्रिटेन ले गया था।
इनके पिता का नाम नूर मोहम्मद था जिन्होंने सन् 1959 में बैंक स्ट्रीट पर ग्रीन गेट्स, ग्लासगो में अपना भारतीय रेस्तरां खोला। अहमद असलम अली की पत्नी है
जिनसे उनके 4 बच्चे हुए– तीन लड़के और दो लड़कियाँ। उनके बेटे आसिफ असलम ने पाकिस्तान और स्कॉटलैंड में उनके द्वारा किए गए दान कार्यों के बारे में बताया है।
अहमद असलम अली ने ग्लासगो, स्कॉटलैंड में सन् 1964 में शीश महल नाम से अपना एक रेस्तरां खोला। एक शेफ के रूप में असलम बहुत ही परफेक्टनिस्ट थे। इस प्रोफैशन में उन्हें बहुत रुचि थी और वह पूरी दुनिया में एक जाने-माने शेफ के रुप में बहुत मशहूर थे।
अपना अधिकतर समय असलम रेस्तरां में बिताते थे और वह भोजन भी हमेशा वहीं पर करते थे। असलम के भतीजे अहमद ने असलम के बारे में बताया कि वह एक पूर्णतावादी और अत्यधिक प्रेरित व्यक्ति थे।
डिश चिकन टिक्का मसाला का अविष्कार
अहमद असलम अली ने जिस रेस्तरां का अविष्कार 1964 में किया था उसी रेस्तरां में इन्होंने एक दिन अचानक ऐसी डिश का अविष्कार कर दिया जिसे आगे जाकर डिश का दर्जा मिला। अहमद असलम ने जब सन् 2009 में AFP को इंटरव्यू दिया तब उन्होंने स्क्रीन पर अपनी इस डिश की सफलता की कहानी के बारे में बताया।
उन्होंने इंटरव्यू मैं बताया कि इस तरह उनके ग्राहक ने उनके द्वारा बनाई गई चिकन टिक्का से संबंधित शिकायत की थी। ग्राहक ने अहमद असलम अली से यह शिकायत की कि ये डिश बहुत सूखी है और उस ग्राहक ने चिकन टिक्का के साथ सॉस (चटनी) माँगी।
यहाँ से उन्हें नई डिश का अविष्कार करने का विचार आया। इन्होंने फिर चिकन को सॉस के साथ पकाया और यह एक नई डिश में बनकर आई। इस सॉस में दही, क्रीम और कई तरह के शामिल थे।
इसके पश्चात इन्होंने साल 1970 में एक नई डिश का अविष्कार किया जिसका नाम चिकन टिक्का मसाला रखा गया। इनकी डिश को बहुत लोगों का प्यार मिला। डिश के अविष्कार के पश्चात ये डिश ब्रिटेन की सबसे प्रसिध्द डिश बन गई।
अहमद असलम अली ने अपने इंटरव्यू के दौरान बताया कि पश्चिमी लोगों को खाना पसंद नही है इसलिए उन्होंने इस नई डिश का आविष्कार दही और क्रीम के साथ किया। उन्होंने इसका स्वाद वहाँ के रहने वाले लोगों के हिसाब से रखा।
ब्रिटिश की नेशनल Dish?
पूर्व विदेश मंत्री कूक ने अपनी स्पीच के दौरान अहमद असलम अली की डिश चिकन टिक्का मसाला डिश को एक सच्ची ब्रिटिश राष्ट्रीय डिश का दर्जा दिया था। इन्होंने इसे ब्रिटिश संस्कृति में जोड़कर इसे अपनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना।
यह डिश मशहूर तो थी ही और साथ में इसने बाहरी प्रभावों को आत्मसात भी किया जिसकी वजह से इन्होंने असलम की डिश को नेशनल डिश का दर्जा दिया। चिकन टिक्का मसाला केवल ब्रिटेन की ही नेशनल डिश नहीं है बल्कि यह दुनिया के बाकी देशों द्वारा भी खाई जाती है। मुख्य रुप से भारत और पाकिस्तान के लोगों द्वारा इसे बहुत खाया जाता है।
अहमद असलम अली की मृत्यु
मशहूर शेफ अहमद असलम अली की मृत्यु ग्लासगो में 19 दिसंबर सन् 2022 में हुई। मृत्यु की खबर अंदलीब अहमद ने दी। 70 वर्ष की उम्र में वह चल बसे और इनके परिवार में इनकी पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियाँ मौजूद है। इनकी मृत्यु का कारण सेप्टिक शौक और अंग विफलता थी।
असलम अली का अंतिम संस्कार मृत्यु के अगले दिन ग्लासगो सेंट्रल मस्जिद में हुआ। इनके अंतिम संस्कार में जनता के सदस्यों को भी आमंत्रण दिया गया था।