डॉ भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय Dr. Bhimrao Ambedkar Biography In Hindi

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  • Post last modified:23/12/2022
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डॉ भीमराव अम्बेडकर शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो ये अमर नारा देने वाले और भारत का संविधान देने वाले ऐसे महान शख्स थे। जिन्होंने दलित वर्गों को एक नई ऊंचाई का पैगाम दिया था। जिन्हे बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के नाम से जाना जाता है। भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 ईस्वी को हुआ था। इनके पिता रामजी सकपाल थे तथा इनकी मां भीमाबाई थी। वे भारतीय संविधान के जनक तथा प्रथम न्याय मंत्री भी थे। उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुआ था।

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परिचय(introduction)
भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 ईसवी को एक दलित परिवार में हुआ था। इनका जन्म भूमि मध्यप्रदेश में है। इनका परिवार महार जाति का था। इनके पिता रामजी मालोजी सकपाल भारतीय सेना के रूप में कार्यरत थे। इनकी माता जी 1 घरेलू और धार्मिक महिला थीं वे अपने माता-पिता के 14 वे संतान थे। उनके बचपन का नाम भिवाभीम था। जब वे मात्र 5 साल के थे तभी उनकी मां का देहांत हो गया था। इसके पश्चात उनका लालन-पालन मीराबाई ने किया। जो इनकी बुआ थी। वे तीन भाई और तीन बहने थी। इसके बड़े भाई बलराम और आनंद राव थे। उनकी बहन का नाम मंजुला और तुलासा था।

शैक्षणिक जीवन
भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। जी बचपन से ही तीव्र प्रतिभा वाले और कुशल विद्यार्थी थे। इन्होंने प्रांभिक शिक्षा मराठी और अंग्रेजी भाषा से पूर्ण किया। दलित जाति होने के कारण विद्यालय में इनसे बहुत ही भेदभाव किया जाता था। इनके पिता ने इनका नामांकन गवर्नमेंट हाई स्कूल में करवाया था। उस समय वे पहली कक्षा में थे। इन्होंने चौथी वर्ग की परीक्षा में सफल स्थान प्राप्त किया इस खुशी में समारोह आयोजित किया गया था। वह हाईस्कूल की शिक्षा एल्फिंस्टोन रोड पर स्थित गवर्न्मेंट हाईस्कूल से प्राप्त की ।

वे 1937 में मैट्रिक परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किए इसके बाद वेकॉलेज में नामांकन करवाया । इन्होंने B.A की शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थव्यवस्था और राजनीतिक विज्ञान से ग्रहण कि वे 1915 में M.A की परीक्षा में सफल हुए। उन्होंने अर्थशास्त्र में 1923 ईस्वी में dsc (डॉक्टर ऑफ साईंस) उपाधि प्राप्त की। इन्होंने 1927 ईस्वी में पीएचडी भी हासिल की। वे लॉ की पढ़ाई के लिए लंदन गए और फिर 1917 में भारत वापस लौटे।

वैवाहिक जीवन
डॉ भीमराव अम्बेडकर का जीवन और निबंध
भीमराव अम्बेडकर और रमाबाई अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर का जीवन और निबंध
भीमराव अम्बेडकर और सविता अम्बेडकर
डा. भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। ने अपने जीवन में दो विवाह किए थे जब वे सिर्फ 15 साल के थे तभी रमाबाई से उनका विवाह हुआ था उन्होंने दूसरी विवाह सविता अंबेडकर से की। इनका पुत्र यशवंत अंबेडकर थे तथा भतीजा का नाम मुकुंदराव था।

इनकी कुछ रचनाएं
एनीहिलेशन ऑफ द कास्ट
हु आर शुद्रास
द प्रॉब्लम ऑफ रुपीज
बुद्ध और कार्ल मार्क्स
द कास्ट इन इंडिया
थॉट्स ऑफ पाकिस्तान
ना चारपाई ना पानी
भीमराव अम्बेडकर बहुमूल्य अनमोल विचार
मैं उस धर्म को पसंद करता हूं जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारे का भाव का संदेश देता है
ज्ञान का प्रसार ही मानव का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।
मानव जीवन महान होना चाहिए ना की दीर्घ ।
पहले और अंत में हम एक भारतीय हैं।
भीमराव अम्बेडकर योगदान:
भूमिका भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, वकील, क्रांतिकारी, शिक्षावेद, संविधानवेद, दार्शनिक और समाज-सुधारक थे । इन्होंने देश के आजादी के लिए कई आंदोलन में भागीदारी निभाई थी। इन्होंने छुआछूत, जाति-पाति उच्च-नीच, मंदिर प्रवेश इत्यादि बुराइयों को दूर किया। इसके लिए वे … सत्याग्रह (1927) नाशिक सत्याग्रह (1930) और कई ऐसे सारे आंदोलन भी चलाएं। इन्होंने एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया था जो कि संविधान का निर्माण। इस संविधान को बनाने में इन्होंने 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन समय दिया था। वह एक कानून और न्याय मंत्री थे। इसके लिए इन्हें 1990 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

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डी. लिट्. की मानद उपाधियों से सम्मानित
भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर को कोलंबिया विश्वविद्यालय ने एल.एलडी और उस्मानिया विश्वविद्यालय ने डी. लिट्. की मानद उपाधियों से सम्मानित किया था। इस प्रकार डॉ. अम्बेडकर वैश्विक युवाओं के लिये प्रेरणा बन गये क्योंकि उनके नाम के साथ बीए, एमए, एमएससी, पीएचडी, बैरिस्टर, डीएससी, डी.लिट्. आदि कुल 26 उपाधियां जुडी है।

निधन
भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। 1948 ईस्वी में मधुमेह रोग के शिकार हो चुके थे। धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया। फिर वे 6 दिसंबर 1956 को स्वर्गरूपी दुनिया से अलविदा ले लिए। इनका मृत्यु दिल्ली में हुआ था। उस समय वे 64 साल के थे।

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