Tapioca in Hindi | टैपिओका क्या होता है ? इसके सेहत को फायदे-नुकसान. What is tapioca in hindi. टैपिओका क्या है? Side effects and Benefits of Tapioca in Hindi
आजकल सभी लोग कोई-न-कोई छोटी मोटी बीमारी से परेशान है। उन बिमारियों या परेशानियां का हल ढूंढने में असमर्थ है। लेकिन अधिकांश लोग एक ऐसी चीज के बारे में नहीं जानते जो छोटी मोटी बीमारियों से बचने के लिए उपाय के रूप में लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
आमतौर पर लोग इससे बने उत्पादों का प्रयोग करते हैं लेकिन इसके बारे में नहीं जानते। आज हम इस लेख से टैपिओका (Tapioca) के बारे में जानेंगे। टैपिओका (Tapioca) क्या है? इसके फायदे व नुकसान क्या है? टैपिओका का प्रयोग किस प्रकार किया जा सकता है? हम टैपिओका से संबंधित सभी जानकारी के बताएंगे।
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टैपिओका क्या है? (What is Tapioca hindi)
टैपिओका को कसावा के नाम से भी जाना जाता है। कसावा के पेड़ की जड़ों के गूदे से निकाले गए स्टार्च को टैपिओका कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम मनिहोट एस्कूलेंटा है। यह पेड़ ज्यादातर अफ्रीका में पाया जाता है। अफ्रीकी देशों में यह सैगो पाम नामक पेड़ की जड़ों के गुदे से बनता है। यह पेड़ दिखने में भारत में पाई जानें वाली शक्करकंदी जैसा होता है।
टैपिओका बनाने के लिए पेडो की जड़ों को काटा है। पेड़ो की जड़ों से निकलने वाले गुदे से स्टार्च (जो कि तरल पदार्थ में होता है) निकाला जाता है। इस स्टार्च को ही टैपिओका कहते हैं।टैपिओका से विश्वभर में कई प्रकार के उत्पाद बनाए जाते है। भारत में साबूदाने बनाने के लिए टैपिओका का प्रयोग किया जाता है। भारत में साबूदाने बनाने के लिए टैपिओका का प्रयोग किया जाता है। इस स्टार्च को पाउडर के रुप में तैयार करके कई खाने की चीजे बनाई जाती है जो बहुत लाभदायक होती है।
टैपिओका के फ़ायदे
टैपिओका के कई फायदे हैं। यह हमे रोगों से बचाता है। यह शरीर के स्वस्थ्य के लिए काफ़ी फायदेमंद है। टैपिओका के फ़ायदे इस प्रकार है :–
लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण
शरीर के लिए टैपिओका बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन बी 12, आयरन, जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्वों की ज़रूरत खून की कमी को पुरा करने के लिए होती है। टैपिओका में यह सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। टैपिओका इन सभी पोषक तत्वों की कमी को पुरा करता है और लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है।
अत्यधिक पित्त के प्रकोप से बचाव
टैपिओका का प्रयोग साबूदाने बनाने में भी किया जाता है। भारत में साबूदाना से कई प्रकार की खाने की चीजें बनाई जाती हैं। साबूदाना बनाने के लिए टैपिओका का प्रयोग किया जाता है।
जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक पित्त का प्रकोप होता है तब पित्त के शमन के लिए टैपिओका का प्रयोग किया जाता है। भारतीय आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में शीतलता चावल और साबूदाना लाते हैं। इसलिए हमेशा पित्त के शमन के लिए साबूदाना का सेवन कराया जाता है। इस प्रकार टैपिओका पित्त के शमन के लिए प्रयोग में आता है।
पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद
टैपिओका पाचन क्रिया के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है इसमें फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो पाचन क्रिया के लिए अच्छा होता है और मल त्याग करने की क्रिया भी सुलभ करता है। इस प्रकार टैपिओका पाचन क्रिया यह फायदेमंद होता है।
खाने का महतवपूर्ण स्रोत
टैपिओका से खाने की कई चीजें बनाई जाती है यह खाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। कई लोगों को गेहूं, अनाज और ग्लूटन से एलर्जी होती है इसी कारण से वह गेहूं, अनाज (जो भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं) का सेवन नहीं कर पाते। ऐसे लोग टैपिओका का सेवन करते हैं।टैपिओका का प्रयोग बेकिंग में भी किया जाता है। यह खाना पकाने में भी आटे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सूप और सॉस को गाढ़ा करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार टैपिओका खाने के चीजों में अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हड्डियो की मज़बूती के लिए फायदेमंद
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। आजकल लोगों का खान-पान खराब होने की वजह से हड्डियों में कमज़ोरी आ रही है। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है कैल्शियम की कमी को पूरा टैपिओका करता है। टैपिओका हड्डियों की मजबूती के लिए फायदेमंद है।
वजन बढ़ाने में सहायक
वजन सबकी ही परेशानी बन चुका हैं।फिट रहने के लिए वजन संतुलन में होना आवश्यक है। वजन का अत्यधिक होना सेहत के लिए हानिकारक है और कम होना भी हानिकारक है। कम वजन से रोगों के होने का खतरा रहता है। कम वजन कमजोरी की निशानी भी है। वजन को बढ़ाने के लिए टैपिओका का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलरी अधिक मात्रा में पाई जाती है। वजन बढ़ाने के लिए औषधि के रूप में काम करता है। इसमें पाई जाने वाली कार्बोहाइड्रेट और कैलरी वजन बढ़ाने में मदद कर सकती है।
रोगों से बचाव
हमारे शरीर को विटामिन–12 की बहुत आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में कोशिकाएं होती है जो अनेक प्रकार की होती है। इन कोशिकाओं में कई डीएनए होते हैं। जो व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करते हैं। कोशिकाओं का निर्माण ठीक प्रकार से होना आवश्यक है अगर ऐसा नहीं होता तो व्यक्ति को शारीरिक रोगों व मानसिक रोगों का सामना करना पड़ता है। इन कोशिकाओं के निर्माण के लिए डीएनए की आवश्यकता होती है जो विटामिन–12 से मिलता है।
टैपिओका में विटामिन 12 अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। टैपिओका हमारे शरीर में कोशिकाओ का निर्माण करता है। यह कई बीमारियों से भी बचाव करता है। आंखे कमज़ोर होने पर, याददाश्त कमज़ोरी या एनीमिया रोग आदि समस्याओ में विटामिन–12 की ज़रूरत को पुरा कर इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। यह रोगों के लिए औषधि के रूप में कार्य करता है।
टैपिओका का उपयोग
दुनिया के विभिन्न देशों में टैपिओका का प्रयोग विभिन्न–विभिन्न तरीकों से किया जाता है। भारत के उत्तरी भाग में यह अधिक प्रचलित नहीं है लेकिन भारत के कुछ भागों में इसका प्रयोग किया जाता है। टैपिओका का उपयोग इस प्रकार है:–
1.साबूदाना टैपिओका से बना होता है। भारत में साबूदाना का प्रयोग सबसे प्रचलित है। भारत में साबूदाना की खिचड़ी और खीर बनाई जाती है।
2. टैपिओका से स्टार्च, आटा, चिप्स, इथेनॉल, ग्लूकोज सिरप और ब्रेड जैसे कई उत्पादों को बनाया जाता है। इनकी काफी मांग होती है इनका उत्पादन कर, निर्यात किया जाता है।
3. टैपिओका का उपयोग कपड़ो को स्टार्च करने के लिए किया जाता है।
4. अमेरिका में टैपिओका से पुडिंग (जिसे भारत में हलवा कहते या समझते हैं) बनाई जाती है।
5. सूप और सॉस को गाढ़ा करने के लिए भी टैपिओका का प्रयोग किया जाता है।
6. टैपिओका का प्रयोग बेकिंग में भी किया जाता है।
7. टैपिओका के पेड़ की जड़ों का उपयोग सब्ज़ी बनाने के लिए किया जाता है।
टैपिओका से होने वाले नुकसान
टैपिओका के कई नुकसान भी है। इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। टैपिओका के नुकसान इस प्रकार है:–
1. गर्भवती महिलाओं के लिए टैपिओका नुकसानदायक है उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
2.टैपिओका वजन बढ़ाने में सहायक है। इसलिए इसका सेवन मोटापे से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और गैलरी वजन बढ़ाते है।
3. इसका उपयोग कच्चा नहीं करना चाहिए इसमें हानिकारक रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
4. टैपिओका का सेवन कब्ज होने के दौरान नहीं करना चाहिए क्योंकि ये कब्ज बढ़ाता है।
टैपिओका में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व
टैपिओका का प्रयोग हमने केवल खाद्य पदार्थ के रूप में किया है।हम इसके फायदों के बारे में जान चुके हैं। लेकिन हम यह नहीं जानते कि इसमें कितने पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। अगर इसका सही मात्रा में प्रयोग किया जाए तो यह है तो यह स्वस्थ्य के लिए काफ़ी फायदेमंद सिद्ध होगा।
इसमें पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।टैपिओका में कार्बोहाइड्रेट, कैलरी, कैल्शियम, विटामिन बी 12, नियासिन, थायमिन, सेलेनियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड, पैंटोथैनिक एसिड, विटामिन बी 6, कार्ब्स, कॉपर, जिंक, प्रोटीन, आयरन, पोटेशियम, मैंगनीज, फोलिक एसिड, फोलेट और कई एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।
टैपिओका से सम्बन्धित प्रश्न (FAQs Related Tapioca)
टैपिओका देश के कुछ ही हिस्सों में प्रचलित है। यह उत्तरी हिस्सों में अधिक प्रचलित नहीं है। लेकिन केरल में बुलाया रूई, मध्य केरल में और हाइलैंड्स में यह प्रसिद्ध है और अक्सर करी मछली के साथ खाया जाता है।
कसावा के पेड़ की जड़ों के गूदे से निकाले गए स्टार्च को टैपिओका स्टार्च कहते हैं।
टैपिओका को मोती के रूप में भी बेचा जाता है। और इन मोतियों का प्रयोग कई चीजों को बनाने में किया जाता है। इनका प्रयोग पुडिंग बनाने के लिए और बोबा चाय बनाने के लिए भी किया जाता है।
भारत में कसावा को साबूतदाना भी कहते हैं।