नियोकोव वेरीएंट क्या हैं Neocov Coronavirus Variant in Hindi

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  • Post last modified:23/12/2022
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नियोकोव वायरस क्या है, लक्षण, असरसिम्टम्स,नियोकोव वेरीएंट क्या हैं Neocov Coronavirus Variant in Hindi

दिसंबर 2019 में सामने आए खतरनाक वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। इस वायरस के कारण लाखों लोगों की मौत हुई, इस खतरनाक वायरस का नाम है कोरोना वायरस (SARS-CoV-2)। इस वायरस ने आज भी हमारा पीछा नहीं छोड़ा है।

यह वायरस आज भी लोगों की जान ले रहा है और वर्तमान में यह वेव्स,नए–नए रुप और वेरिएंट के रूप में सामने आता हैं। कोरोना वायरस के बाद आए ओमिक्रोन वेरिएंट ने लोगों को डरा रखा है। ओमिक्रोन जैसे वेरिएंट ने ही लोगों के दिलों में दहशत फैला रखी है और यदि कोरोना से भी ज़्यादा खतरनाक वायरस आ जाए तो दुनिया का क्या होगा ये हम भी नहीं जानते।

हाल ही के शोधों के अनुसार पता चला है कि नियोकोव नाम के एक वेरिएंट की उत्पत्ति हुई है। इसके लक्षण कोरोना वायरस जैसे है लेकिन यह वेरीएंट कोरोना वायरस से भी ज़्यादा खतरनाक है। हम इस पोस्ट में नियोकोव वेरीएंट क्या है?, इसके लक्षण, उपचार, रिसर्च और विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियोकोव पर विचार आदि से संबंधित जानकारी देंगे।

नियोकोव वेरीएंट क्या है?

नियोकोव शब्द का प्रयोग वायरस के वैरिएंट के रूप में हो रहा है। यह वेरिएंट MERS–Cov से संबंधित है और MERS–Cov कोरोना वायरस के ही परिवार से संबंधित है। MERS–Cov कोरोना के सात परिवारों में से एक है और यदि यह एक व्यक्ति को हो जाए तो सबको संक्रमित कर देता है।

2019 में MERS–Cov साऊदी अरब, संयुक्त अमेरिका, अमीरात और दक्षिण कोरिया में फैल चुका है और विश्व स्वास्थ्य संगठन रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस के कारण लगभग 35% लोगों की मौत हुई थी। नियोकोव वेरिएंट मानव की कोशिका ACE2 को संक्रमित कर सकता है। नियोकोव वेरिएंट को लेकर अधिक शोध नहीं हुए हैं लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर इस वायरस का संक्रमण हो जाए तो यह 3 व्यक्ति में से 1 को मौत दे सकता है।

शोधकर्ताओ के शोध से पता चला है कि यह दक्षिण अफ्रीका से मिला है और यह काफ़ी रफ़्तार से फैलता है। शोधकर्ताओ का कहना है कि यह वायरस व्यक्ति के अंदर मानव कोशिकाओं के ज़रिए घुसता है और इस वायरस को कोशिकाओं में घुसने के लिए केवल एक म्यूटेशन की आवश्यकता होती है।

रिसर्च पेपर के अनुसार क्या है नियोकोव वेरीएंट?

स्पुतनिक की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार नियोकोव वेरीएंट की उत्पत्ति दक्षिण अफ़्रीका में हुई। नियोकोव वेरीएंट  MERS–Cov से जुड़ा है। यह वेरिएंट अभी चमगादड़ो में पाया गया है। इसके बाद अब यह जानवरों में फैल रहा है। लेकिन नियोकोव का लोगों के बीच फैलने का खतरा है। इसको मनुष्यों के बीच संक्रमित होने के लिए केवल एक म्यूटेशन की ज़रूरत होती है।

आज तक यह वेरीएंट लोगों में नहीं पाया गया है लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इसके फैलने का बहुत खतरा है।

नियोकोव वेरीएंट के लक्षण 

नियोकोव वेरीएंट के लक्षण बुखार, सुखी खांसी और सांस आने में दिक्कत होना है। इसके लक्षण कोरोना वायरस की तरह ही होते हैं। यह वेरिएंट कोरोना से भी ज़्यादा खतरनाक है। इसके संक्रमण से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

नियोकोव वेरीएंट का उपचार

शुरूआत में कोरोना वायरस के उपचार के लिए घरेलू औषधियों का प्रयोग किया गया था क्योंकि कोरोना वायरस के लिए वैज्ञानिक द्वारा कई वर्षों तक किसी भी प्रकार की कोई उपयुक्त दवाई या इंजेक्शन नहीं बना पाए थे।

लेकिन आज कोरोना वायरस के उपचार के लिए वैक्सीन आ चुकी है। नियोकोव वेरीएंट के लक्षण कोरोना वायरस जैसे हैं लेकिन नियोकोव वेरीएंट के लिए कोरोना की वैक्सीन का प्रयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि SARS-CoV-2 की तुलना में ACE2 के साथ विभिन्न तरीके से इंटरेक्ट करता है।

अभी वैज्ञानिको को नियोकोव से संबंधित और जांच की जरुरत है। लेकिन इसका खतरा है और यदि इसका संक्रमण फैलता है तो इसके लिए कोई न कोई उपचार किया जाएगा।

नियोकोव वेरीएंट, विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नियोकोव वेरीएंट के लिए और ज़्यादा अध्ययन की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने कहा है कि यह कोरोना वायरस है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए शोध की आवश्यकता है।

जानकारी के अनुसार अभी वायरस केवल जानवरों में फैलता है। लोगों के बीच फैलेगा या नहीं इसके लिए भी वैज्ञानिकों को अध्ययन करना होगा। यदि यह लोगों के बीच फैलता है तो इसके उपचार के लिए कोई न कोई वैक्सीन का निर्माण करना होगा।

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE),  संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP), खाद्य और कृषि संगठन(FAO) के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन न्यू जूनोटिक वायरस के खतरे की निगरानी, प्रतिक्रिया और लोगों की सुरक्षा के लिए सहयोग करता है।

मीडिया को कहना है कि वर्तमान में जानवर मनुष्य में नई नई संक्रामक बीमारियों और वायरस के लिए जिम्मेदार है। यह नई संक्रामक बीमारियाँ नोवेल वायरस से फैलती है। 

अभी नियोकोव वेरिएंट से संबंधित ज़्यादा जानकारी प्राप्त नहीं हुई है इसलिए लोगों को ज़्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते लोगों को कोरोना से संबंधित सावधानियाँ लेने की पूर्ण रूप से आवश्यकता है।

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