लता मंगेशकर की जीवनी और प्रसिद्ध गाने पर अवार्ड् (Lata mangeshkar Biography in hindi)song list, awards , net worth, birth date, death news, facts. जन्म जाति कमाई पति परिवार पिता माता का नाम, आयु, पहली फ़िल्म, पहला गाना अंतिम song
लता मंगेशकर वो नाम है, जो अपनी सुरीली आवाज के कारण भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सुर साम्राज्ञी और भारत की स्वर कोकिला के रूप में जानी जाती हैं।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महाराष्ट्रियन ब्राह्मण परिवार में हुआ। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर और मां शेवंती थीं।
“नाम गुम जाएगा,चेहरा ये बदल जायेगा।
मेरी आवाज ही पहचान है,गर याद रहे।।”
हाइलाइट्स (highlights)
- ‘भारत रत्न’ से सम्मानित गायिका लता मंगेशकर का निधन
- मुंबई के एक अस्पताल में 92 साल की उम्र में अंतिम सांस
- करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में रहा एकछत्र राज
- जनवरी में कोरोना के बाद से ही आईसीयू में भर्ती थीं लता
Contents
- 1 लता मंगेशकर का जीवन परिचय
- 2 लता मंगेशकर का बचपन
- 3 लता मंगेशकर की शरुआती पढाई
- 4 13 वर्ष की उम्र में परिवार का बोझ – Lata Mangeshkar
- 5 लता मंगेशकर के करियर की शुरुवात
- 6 मान-सम्मान और पुरस्कार
- 7 लता मंगेशकर जी का निधन |Lata Mangeshkar Death news
- 8 लता मंगेशकर के गाने (Songs of Lata Mangeshkar)
- 9 लता मंगेशकर : कुछ रोचक तथ्य
- 10 लता मंगेशकर ने शादी क्यों नहीं की
- 11 उपसंहार
लता मंगेशकर का जीवन परिचय
नाम | लता मंगेशकर | |||||
जन्मदिन | 28 सितम्बर, 1929 | |||||
जन्म स्थान | इंदौर | |||||
पिता | मा. दीनानाथ मंगेशकर | |||||
माता | श्रीमती शेवंती हॉबी | |||||
भाई-बहन | मीना खडीकर (बहन) आशा भोंसले(बहन) उषा मंगेशकर(बहन) ह्र्दयनाथ मंगेशकर (भाई) | |||||
शौक | फोटोग्राफी, क्रिकेट मैच देखना, साहित्य पढ़ना | |||||
सम्मान | पदम् भूषण(1969) दादा साहेब फाल्के अवार्ड (1989) भारत रत्न (2001) Legion of Honor (2007) | |||||
मृत्यु | 6 फरवरी 2022 प्रातः 8 बजकर 12 मिनट | |||||
मृत्यु का कारण | कोविड-19 के संक्रमित होने के कारण | |||||
मृत्यु स्थान | ब्रिज कैंडी हॉस्पिटल मुंबई | |||||
लता मंगेशकर का बचपन
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महाराष्ट्रियन ब्राह्मण परिवार में हुआ। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर और मां शेवंती थीं। लता अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर और तीनों बहनों आशा, ऊषा और मीना ने संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
जब लता मंगेशकर और आशा भोंसले हिन्दी फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग में शिखर पर थीं, तो दोनों बहनों के बीच प्रतिस्पर्धा के खूब चर्चे हुआ करते थे।
लता मंगेशकर की शरुआती पढाई
लता ‘अमान अली ख़ान साहिब’ और बाद में ‘अमानत ख़ान’ के साथ भी पढ़ीं। लता मंगेशकर हमेशा से ही ईश्वर के द्वारा दी गई सुरीली आवाज़, जानदार अभिव्यक्ति और बात को बहुत जल्द समझ लेने वाली अविश्वसनीय क्षमता का उदाहरण रहीं हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनकी इस प्रतिभा को बहुत जल्द ही पहचान मिल गई थी। लेकिन पाँच वर्ष की छोटी आयु में ही आपको पहली बार एक नाटक में अभिनय करने का अवसर मिला।
13 वर्ष की उम्र में परिवार का बोझ – Lata Mangeshkar
1942 में लता मंगेशकर पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया। उनके पिता की जब मृत्यु हुई तब लता मात्र 13 वर्ष की थी। लता पर परिवार का बोझ आ गया। नवयुग चित्रपट मूवी कंपनी के मालिक मास्टर विनायक, मंगेशकर परिवार के नजदीकी लोगों ने लता का करियर गायिका और अभिनेत्री के रूप में संवारने के लिए मदद की।
लता को अभिनय पसंद नहीं था, लेकिन पैसो की तंगी के कारण उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946) जैसी फिल्मों में लता ने छोटी-मोटी भूमिकाएं अदा की।
लता मंगेशकर के करियर की शुरुवात
लता जी ने मात्र 5 साल की उम्र में पहला काम अपने पिता के एक नाटक में किया था. इसके बाद वे ट्रेनिंग लेती रही और 13 साल की उम्र में 1942 में एक मराठी फिल्म के लिए गाना रिकॉर्ड किया. फिल्म रिलीज़ हुई लेकिन किसी कारणवश फिल्म से गाना हटा दिया गया, इस बात से लता जी बहुत आहात हुई. इस साल लता जी के पिता की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
लता जी अपने घर में सब भाई बहनों में बड़ी थी, तो सारी ज़िम्मेदारी उनके कंधो पर आ गई. विनायक दामोदर एक फिल्म कंपनी के मालिक थे, जो दीनानाथ जी के अच्छे मित्र थे, उनके जाने के बाद उन्होंने लता जी के परिवार को संभाला.
मान-सम्मान और पुरस्कार
Lata Mangeshkar को ढेरों पुरस्कार और सम्मान मिले। जितने मिले उससे ज्यादा के लिए उन्होंने मना कर दिया। 1970 के बाद उन्होंने फिल्मफेअर को कह दिया कि सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार नहीं लेंगी और उनकी बजाय नए गायकों को यह दिया जाना चाहिए। लता को मिले प्रमुख सम्मान और पुरस्कार इस तरह से हैं.
पदम् भूषण | 1969 |
दादा साहेब फाल्के अवार्ड | 1989 |
भारत रत्न | 2001 |
Legion of Honor | 2007 |
लता मंगेशकर जी का निधन |Lata Mangeshkar Death news
लता मंगेशकर जी को, उनकी तबीयत खराब होने के कारण 5 फरवरी बसंत पंचमी को मुंबई के ‘ब्रीच कैंडी अस्पताल’ में भर्ती किया गया। जहां उनकी हालत काफी नाजुक बनी हुई थी। वह काफी लंबे समय से करोना संक्रमित थी। इसके पहले भी 8 जनवरी को उन्हें भर्ती कराया गया था।
आज 6 फरवरी 2022 को उनका निधन मुम्बई के ब्रीज कैंडी अस्पताल में हो गया। जो पूरे भारतवर्ष के लिए, एक अपार क्षति के समान है। जिसकी भरपाई, किसी भी रुप में संभव नहीं है। सुर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेश्कर जी 92 वर्ष की थी।
लता मंगेशकर के 1990 की फेमस फिल्म के गाने
- लेकिन
- दिल वाले दुलहनिया ले जायेंगे
- दिल तो पागल है
- हम आपके है कौन
- मोहब्बतें
- वीर जारा
- लम्हे
- डर
लता मंगेशकर के गाने (Songs of Lata Mangeshkar)
- 1949 हवा में उड़ता जाए (बरसात)
- 1958 आजा रे परदेसी (मधुमती)
- 1960 ओ सजना बरखा बहार आई (परख)
- 1961 इतना ना मुझसे तू प्यार बढ़ा (छाया)
- 1961 अल्लाह तेरो नाम (हम दोनों)
- 1961 ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियां)
- 1961 एहसान तेरा होगा मुझ पर (जंगली)
- 1962 कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद)
- 1963 पंख होती तो उड़ आती रे (सेहरा)
- 1964 नैना बरसे रिमझिम (वो कौन थी)
- 1965 अजी रूठ के अब (आरजू)
- 1965 ये समां (जब जब फूल खिले)
- 1965 आज फिर जीने की तमन्ना है (गाइड)
- 1967 आ जा पिया तोहे प्यार दूं (बहारों के सपने)
- 1968 बच्चे मन के सच्चे (दो कलियां)
- 1968 चंदन सा बदन (सरस्वती चंद्र)
- 1968 तू कितनी अच्छी है (राजा और रंक)
- 1969 बिंदिया चमकेगी (दो रास्ते)
- 1971 दिलबर दिल से प्यारे (कारवां)
- 1971 चलते चलते (पाकीजा)
- 1973 अब तो है तुमसे (अभिमान)
- 1989 कबूतर जा जा (मैंने प्यार किया)
- 1994 माई नी माई मुंडेर पे (हम आपके हैं कौन)
- 1998 जिया जले जां जले (दिल से)
- 2000 हमकों हमीं से चुरा लो (मोहब्बतें)
लता मंगेशकर : कुछ रोचक तथ्य
- लता जी जब 33 साल की थीं, तो किसी ने उन्हें जहर देने की कोशिश की थी।
- लता ने पांच साल की छोटी उम्र में पहली बार एक नाटक में अभिनय किया।
- लता मंगेशकर का पहला नाम ‘हेमा‘ था, मगर जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था।
- लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाये हैं।
- लता को मेकअप पसंद नहीं है। उन्हें डायमंड रिंग पहनने का शौक है। उन्होंने अपनी पहली डायमंड रिंग वर्ष 1947 में 700 रुपये में खरीदी थी।
- लता मंगेशकर फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- लता को गाने के अलावा फोटो खिंचवाने का भी बहुत शौक है।
लता मंगेशकर ने शादी क्यों नहीं की
लता मंगेशकर जिनकी आवाज की सारी दुनिया कायल है, उन्होंने शादी क्यों नहीं की। इस बारे में स्वयं लता जी ने कई जगह साक्षात्कार में कहा है कि पिताजी के गुजर जाने के बाद सबसे बड़ी बेटी होने के कारण घर-परिवार चलाने की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। छोटे भाई-बहनों के जीवन के बारे में सोचने में इतनी व्यस्त रहीं कि खुद की शादी के बारे में फैसला करने का समय ही नहीं मिला।
‘ऐ मेरे वतन के लोगो…’ गाने से लता ने कर दिया था इनकार
लता मंगेशकर के गाए सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है ‘ऐ मेरे वतन के लोगो…’। पहले लता ने कवि प्रदीप के लिखे इस गीत को गाने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह रिहर्सल के लिए वक्त नहीं निकाल पा रही थीं। कवि प्रदीप ने किसी तरह उन्हें इसे गाने के लिए मना लिया।
इस गीत की पहली प्रस्तुति दिल्ली में 1963 में गणतंत्र दिवस समारोह पर हुई। लता इसे अपनी बहन आशा भोसले के साथ गाना चाहती थीं। दोनों साथ में इसकी रिहर्सल कर भी चुकी थीं। मगर इसे गाने के लिए दिल्ली जाने से एक दिन पहले आशा ने जाने से इनकार कर दिया। तब लता मंगेशकर ने अकेले ही इस गीत को आवाज दी और यह अमर हो गया।
उपसंहार
स्वर की सुर लहरियों में डुबो देने वाली लताजी की गायकी में एक ऐसा जादू है कि सभी को गीत की अनुभूतियों में उसके पूरे भावों सहित उतार ले चलता है । लताजी ने जब ‘प्रदीप’ का वह देशभक्ति से परिपूर्ण गीत ”ऐ! मेरे वतन के लोगों” गणतन्त्र दिवस के अवसर पर स्व॰ प्रधानमन्त्री नेहरूजी के समक्ष प्रस्तुत किया था, तो वे अपनी आंखों के आंसू नहीं रोक पाये थे ।