Swami Vivekanand Hindi Story

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  • Post last modified:23/12/2022
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Swami Vivekanand Hindi Story : विदेशी महिला ने स्वामी जी से शादी के लिए बोला
विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद जी के प्रचलित भाषण और उनके प्रतिभा से सभी अमेरिकी वासी मोहित थे।

लाखों लोग उनकी अनुयायी थे।

एक बार एक विदेशी महिला ने स्वामी जी से मिलने के लिए आयी। स्वामी जी के चेहरे पर तेज चमक थी। जो सूर्य के समान थी।

विदेशी महिला ने स्वामी जी से कहा – ” स्वामी जी मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं। ”

स्वामी जी बोले – क्यों? मैं एक ब्रह्मचारी पुरुष हूं।

महिला ने कहा – मैं आपके जैसा तेजस्वी और होनहार पुत्र पाना चाहती हूं । ताकि वह भी बड़ा होकर दुनिया में ज्ञान प्रचार करें और अपना नाम रोशन करें।

यह सुनकर स्वामी जी ने हाथ जोड़कर बोले – मां लीजिए आज से मै आपको माता मानता हूं। इससे मेरा ब्रह्मचारी भी नहीं टूटेगा।

इतना सुनकर उस विदेशी महिला ने स्वामी जी के चरणों में गिर पड़ी

और कहा – प्रभु आप धन्य हैं । आप सचमुच प्रेरणा के स्रोत हैं।

Vivekanand Hindi Story : स्वामी जी की सहनशीलता


एक समय की बात है। जब स्वामी विवेकानंद लोगों के सुख-दुख जानने के लिए पूरी भारत में भ्रमण कर रहे थे। लोग उनसे बहुत सारी शिकायत और समस्या बताते और स्वामी विवेकानंद उन सारी समस्याओं को बहुत ही प्यार से हल करते।

वे किसी भी चीज को सुनकर जाना ना ज्यादा उतावला और ना ही ज्यादा क्रोधित होते थे।

वह व्यक्ति स्वामी जी को और गालियां बोलता रहा। साथ ही उनकी कपड़ों का भी मजाक उड़ाने लगा फिर भी स्वामी जी चुप रहे।

कई दिनों से लगातार यात्रा की वजह से भूखे थे। जब ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी तो वह व्यक्ति अपना खाना खाने लगा।

उसने फिर ताना मारते हुए कहा कि – ” बाबा! बनते फिरते हो कुछ काम धंधा करते तो आज भूखा नहीं रहना पड़ता “।

भारत भ्रमण के दौरान वे एक ट्रेन में सफर कर रहे थे उनके बगल में एक व्यक्ति बैठा था। जो स्वामी विवेकानंद को बुरा-भला कहना शुरू कर दिया।

लेकिन स्वामी विवेकानंद जी तो शांत स्वभाव के थे। वे ज्यादा उतावला नहीं हुए और ना ही कोई प्रतिक्रिया दी।

इस शांत स्वभाव को देखकर उस व्यक्ति का हौसला और बढ़ गया।

तभी एक व्यक्ति खाना लेकर स्वामी जी के पास आया और कहा – ” क्या आप ही स्वामी विवेकानंद जी हैं? ”

स्वामी जी ने सरलता पूर्वक सर हिला कर हां में जवाब दिया।

उस व्यक्ति ने खाना देते हुए कहा कि आप मेरे सपने में आए थे और आप भूखे थे। आपने मुझे यहां के बारे में बताया।

मैं बहुत ही आपके आभारी हूं कि आप मुझे दर्शन दिए और मुझे मिलने का मौका मिला।

“ध्यान मूर्खों को संतों में बदल सकता है लेकिन दुर्भाग्य से मूर्ख कभी ध्यान नहीं देते हैं। ”
यह देखते ही पास में बैठा व्यक्ति को पता चला कि यह कोई और नहीं स्वामी विवेकानंद जी हैं।

वह उनके चरणों में गिरकर रोने लगा और उनसे माफी मांगी.

स्वामी जी ने उसे उठाकर अपने गले से लगा कर माफ कर दिया।

तभी स्वामी विवेकानंद जी को आज भी सहनशीलता की मिसाल दी जाती है।

Vivekanand Hindi Story : स्वामी जी की एकाग्रता

एक समय की बात है जब विवेकानंद अमेरिका में अपने अनुयायियों के साथ घूम रहे थे।

तभी उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे नदी में तैरते हुए अंडों के छिलकों पर बंदूक से निशाना लगा रहे हैं।

बच्चे छिलकों पर बार-बार निशाना लगाते और चूक जाते। स्वामी जी यह देखकर खुद ही बच्चों के पास गए और बंदूक से निशाना लगाने लगे।

विवेकानंद ने पहला निशाना लगाया जो सही निशाने पर लगा।

फिर स्वामी जी ने दोबारा लगाया वह भी सही निशाने पर लगा। उन्होंने 12 निशान लगाए जो सारे सटीक लगे।

सभी बच्चे यह देखकर हैरान हो गए उन्होंने पूछा कि आप सारे सही निशाने कैसा लगा लिए

तो उन्होंने जवाब दिया कि – जब तुम भी कोई भी काम करो उसे पूरे ध्यान से करो। फिर देखना सारी लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लोगे।

कहानी से शिक्षा – हमें कोई भी काम पूरी लगन और एकाग्र होकर करना चाहिए।

swami vivekananda ki kahaniya in hindi

धन्यवाद ❤ !!!

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